अजब गजब: वैज्ञानिकों ने 'मांसाहारी चावल' का किया आविष्कार! नॉनवेज के दीवानों के लिए आई खुशखबरी

वैज्ञानिकों ने मांसाहारी चावल का किया आविष्कार! नॉनवेज के दीवानों के लिए आई खुशखबरी
  • मांसाहारी लोगों के लिए आई अच्छी खबर
  • वैज्ञानिकों ने अद्भुत चावल का किया आविष्कार
  • इस चावल में पाए जाते है कई पोष्टिक तत्व

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कई लोग नॉनवेज खाने के दीवाने होते हैं। नॉनवेज में खासतौर पर मीट की बात करें तो इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और जिंक की मात्रा पाई जाती हैं। हालांकि, इसे खाना में काफी ज्यादा मेहनत भी लगती है। इस बीच नॉनवेज के सेवन से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है। जिसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसे चावल का आविष्कार किया है, जिसे खाने पर उसका स्वाद बिल्कुल मीट की तरह ही लगता है। ऐसे में आप इसे तरह के चावल को नॉनवेज बिरयानी के तौर पर भी खा सकते हैं। जिससे आपको मीट बनाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। वैज्ञानिकों ने इस तरह के विशेष चावल का नाम मांसाहारी चावल रखा गया है।

मांसाहारी चावल का किया आविष्कार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इस मांसाहारी चावल का निर्माण दक्षिण कोरिया की योनसेई यूनिवर्सिटी लैब में किया है। बताया जाता है इस बनाने के लिए कई तरह के मांस का इस्तेमाल किया गया है। इसे खाने पर मछली का स्वाद भी आता है। रिसर्चर्स के अनुसार, यह चवाल देखने में एक आम चावल की तरह लगता है। मगर, एक साधारण मीट की तुलना में इसमें 8 फीसदी से अधिक प्रोटीन पाया जाता है। वहीं, चावल में 7 फीसदी से अधिक मात्रा में फैट मौजूद रहता है। इसके अलावा यह मांसाहारी चावल 11 दिनों तक खराब नहीं होता है। वहीं, सामान्य तापमान पर भी इस तरह के चावल को बढ़े आसानी के साथ स्टोर कर सकते हैं। यह चावल कई पोष्टिक तत्वों से भी युक्त है। जिससे शरीर में मांसपेशियों को मजबूत मिलती है।

खेती में जानवरों की नहीं पड़ेगी जरूरत

यदि देखा जाए तो मांसाहारी चावल को युद्ध के समय या फिर किसी आपातकालीन परिस्थितयों में भी इसका सेवन किया जा सकता है। युद्ध के दौरान, सेनाओं को खाना के रूप में इस चावल को उपयोग में लिया जा सकता है। वहीं, कुपोषण जैसे गंभीर बिमारियों से लड़ने के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के विकल्प के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है। मांसाहारी चावल के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया कि इसकी उत्पादन विधि काफी आसान होती है। जिससे कई सारे जानवरों को पालने और खेती करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। अब ऐसे में यदि यह मार्केट में आता है तो लोग इसे लेना पसंद करेंगे या नहीं। यह देखने काफी अहम होगा।

Created On :   17 Jun 2024 12:53 AM IST

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